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अतुल माहेश्वरी छात्रवृत्ति 2025: आवेदन की अंतिम तिथि 30 सितंबर, मेरठ में बायोमेट्रिक्स से होगा प्रिंसिपल का वेरिफिकेशन

अतुल माहेश्वरी छात्रवृत्ति 2025: आवेदन की अंतिम तिथि 30 सितंबर, मेरठ में बायोमेट्रिक्स से होगा प्रिंसिपल का वेरिफिकेशन

अमर उजाला फाउंडेशन द्वारा संचालित प्रतिष्ठित अतुल माहेश्वरी छात्रवृत्ति परीक्षा के लिए आवेदन की अंतिम तिथि को बढ़ाकर अब 30 सितंबर, 2025 कर दिया गया है। पहले यह तिथि 15 सितंबर थी, लेकिन विद्यार्थियों की बढ़ती मांग और भागीदारी को देखते हुए इस महत्वपूर्ण निर्णय को लिया गया है। यह छात्रवृत्ति विशेष रूप से प्रादेशिक शिक्षा बोर्ड से जुड़े विद्यालयों के कक्षा 9वीं से 12वीं तक के मेधावी और आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों के लिए आरक्षित है।

इस वर्ष छात्रवृत्ति योजना के तहत 9वीं और 10वीं के 23 विद्यार्थियों को ₹50,000, जबकि 11वीं और 12वीं के 23 विद्यार्थियों को ₹75,000 की राशि प्रदान की जाएगी। आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन है और इसके लिए amarujala.com, amarujalafoundation.org और amarujala.com/atul-maheshwari-chhatravritti-2025 जैसे आधिकारिक लिंक उपलब्ध कराए गए हैं।

हालांकि, इस परीक्षा के लिए पात्रता के कुछ स्पष्ट मानदंड भी तय किए गए हैं। आवेदन वही विद्यार्थी कर सकते हैं जिन्होंने पिछली वार्षिक परीक्षा में कम से कम 60% अंक प्राप्त किए हों और जिनकी वार्षिक पारिवारिक आय ₹2 लाख से कम हो। साथ ही यह ध्यान रखना जरूरी है कि 8वीं कक्षा में पढ़ रहे या 12वीं उत्तीर्ण कर चुके विद्यार्थी इस योजना के लिए पात्र नहीं हैं। आवेदन करते समय विद्यार्थियों को अपनी फोटो, मार्कशीट, निवास प्रमाण पत्र, और अन्य जरूरी दस्तावेज अपलोड करने होंगे, जिनका आकार 1MB से अधिक नहीं होना चाहिए।

परीक्षा का आयोजन देशभर के 88 शहरों में किया जाएगा। विद्यार्थी अपनी सुविधा के अनुसार परीक्षा केंद्र का चयन कर सकते हैं, जिसकी जानकारी उन्हें ई-मेल द्वारा भेजे जाने वाले एडमिट कार्ड में दी जाएगी। इसलिए आवेदन करते समय ई-मेल आईडी देना अनिवार्य है। साथ ही, यह भी स्पष्ट किया गया है कि एक मोबाइल नंबर से केवल एक ही फॉर्म भरा जा सकता है, अन्यथा आवेदन अस्वीकार कर दिया जाएगा।

पिछले वर्ष इस परीक्षा में एक लाख से अधिक विद्यार्थियों ने भाग लिया था, जिनमें से 46 सफल विद्यार्थियों को कुल ₹28.8 लाख की छात्रवृत्ति वितरित की गई थी। विशेष उल्लेखनीय बात यह भी है कि इस बार भी दृष्टिहीन विद्यार्थियों के लिए अलग से छात्रवृत्ति का प्रावधान है। ऐसे विद्यार्थियों को परीक्षा में सहायक लाने की अनुमति होगी, बशर्ते सहायक छात्र से नीची कक्षा का हो और उसके पास स्कूल आई कार्ड हो।

जहां एक ओर योग्य विद्यार्थियों के लिए छात्रवृत्ति पाने के रास्ते खोले जा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर मेरठ जिले में छात्रवृत्ति घोटालों पर अंकुश लगाने के लिए बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन की सख्त व्यवस्था लागू कर दी गई है। समाज कल्याण विभाग की नई प्रणाली के तहत अब कॉलेज के प्रिंसिपलों को स्वयं अपने अंगूठे के बायोमेट्रिक सत्यापन के लिए समाज कल्याण कार्यालय पहुंचना होगा। केवल वेरिफिकेशन पूरा होने के बाद ही कॉलेज का पोर्टल समाज कल्याण की साइट पर खुलेगा।

हालांकि यह व्यवस्था पिछले वर्ष भी लागू बताई गई थी, लेकिन इस बार शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए इसे सख्ती से अनिवार्य कर दिया गया है। विकास भवन में प्रिंसिपलों का बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन किया जा रहा है और जिला समाज कल्याण अधिकारी सुनील सिंह ने स्पष्ट किया है कि इसके बिना कोई भी छात्रवृत्ति आवेदन आगे नहीं बढ़ेगा। इस व्यवस्था से फर्जी आवेदनों पर पूरी तरह रोक लगाने का दावा किया गया है।

इस नए बदलाव से विद्यार्थियों और अभिभावकों में भी उम्मीद की एक नई किरण जागी है। सरकारी कॉलेज के छात्र विकास कुमार ने कहा कि पिछले साल कई दोस्तों की छात्रवृत्ति सिर्फ इसलिए रुक गई थी क्योंकि दस्तावेजों में गड़बड़ी निकल आई थी। लेकिन अब बायोमेट्रिक प्रक्रिया से केवल वास्तविक पात्र विद्यार्थियों को ही लाभ मिलेगा। वहीं अभिभावकों का कहना है कि इस पारदर्शी व्यवस्था से गरीब बच्चों को उनका हक मिलेगा और दलालों का खेल खत्म होगा।

सरकार ने साफ संकेत दिए हैं कि छात्रवृत्ति योजनाओं में किसी भी प्रकार का फर्जीवाड़ा अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जिले के सभी सरकारी और निजी कॉलेजों के प्रिंसिपलों को इस बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन प्रक्रिया का पालन करना अनिवार्य कर दिया गया है। लापरवाही की स्थिति में संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी।

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