"10.91 लाख रेलवे कर्मचारियों के लिए 1,865.68 करोड़ रुपये का PLB बोनस, बिहार में कुल 6,000 करोड़ रुपये की परियोजना और शिपबिल्डिंग व मेरीटाइम सेक्टर को ₹70,000 करोड़ का पैकेज"
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक कई बड़े ऐलानों की गवाह बनी। एक तरफ जहां 10.90 लाख रेलवे कर्मचारियों के लिए दिवाली बोनस को मंजूरी दी गई, वहीं बिहार को करीब ₹6,000 करोड़ की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की सौगात और शिपबिल्डिंग सेक्टर के लिए ₹70,000 करोड़ का मेगा रिफॉर्म पैकेज घोषित किया गया।
10.90 लाख रेलवे कर्मचारियों को दिवाली बोनस
त्योहारी सीजन में रेलवे कर्मचारियों के लिए सरकार ने बड़ा तोहफा दिया है। कैबिनेट ने 1,866 करोड़ रुपये के उत्पादकता आधारित बोनस (PLB) की मंजूरी दी है, जिससे 10.90 लाख कर्मचारियों को सीधा लाभ मिलेगा। यह बोनस 78 दिनों के वेतन के बराबर है और प्रति कर्मचारी अधिकतम 17,951 रुपये तक दिया जाएगा।
इस बोनस का फायदा ट्रैक मेंटेनर, लोको पायलट, गार्ड, स्टेशन मास्टर, तकनीशियन, पॉइंट्समैन और अन्य ग्रुप 'सी' कर्मचारियों को मिलेगा। हर साल दशहरा-दीपावली से पहले यह परंपरा रही है कि रेलवे कर्मचारियों को उनके प्रदर्शन के आधार पर PLB दिया जाए।
भारतीय रेलवे कर्मचारी महासंघ (IREF) पहले ही बोनस में बढ़ोतरी की मांग कर चुका था। उनका कहना था कि बोनस की गणना ₹7,000 की बजाय ₹18,000 के आधार पर होनी चाहिए। हालांकि, सरकार ने फिलहाल पुरानी व्यवस्था को बरकरार रखते हुए 1,866 करोड़ रुपये का पैकेज मंजूर किया है।
सरकार ने यह भी कहा कि वर्ष 2024-25 में रेलवे ने रिकॉर्ड 1,614.90 मिलियन टन माल ढुलाई और करीब 7.3 बिलियन यात्रियों की आवाजाही दर्ज की है, जो कर्मचारियों के उत्कृष्ट प्रदर्शन को दर्शाता है।
बिहार को ₹6,000 करोड़ की सौगात
बिहार के लिए केंद्रीय कैबिनेट ने कई अहम फैसले किए हैं। बख्तियारपुर-राजगीर-तिलैया रेल लाइन को डबल करने के प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गई है। 104 किलोमीटर लंबी इस परियोजना पर 2,192 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इस रेल खंड से नालंदा, राजगीर, पावापुरी जैसे धार्मिक और पर्यटन स्थलों तक रेल संपर्क बेहतर होगा।
इस परियोजना से करीब 1,434 गांवों और 13.46 लाख की आबादी को फायदा होगा। साथ ही गया और नवादा जैसे आकांक्षी जिलों में भी कनेक्टिविटी मजबूत होगी।
इसके अलावा, बिहार में एनएच-139W के साहेबगंज-अरेराज-बेतिया खंड को चार लेन में बदलने की मंजूरी दी गई है। 78.94 किलोमीटर लंबे इस ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट पर 3,822.31 करोड़ रुपये की लागत आएगी। यह प्रोजेक्ट पटना और बेतिया को बेहतर कनेक्टिविटी देगा और उत्तर बिहार को भारत-नेपाल सीमा से जोड़ने में अहम भूमिका निभाएगा।
शिपबिल्डिंग सेक्टर को ₹70,000 करोड़
भारत को वैश्विक शिपबिल्डिंग ताकत बनाने की दिशा में भी कैबिनेट ने बड़ा कदम उठाया है। 69,725 करोड़ रुपये का नेशनल शिपबिल्डिंग मिशन मंजूर किया गया है। इसका मकसद घरेलू क्षमता को बढ़ावा देना, दीर्घकालिक वित्तपोषण में सुधार करना, तकनीकी कौशल को मजबूत करना और आधुनिक समुद्री ढांचे का निर्माण करना है।
इस पैकेज में कई अहम योजनाएं शामिल हैं:
शिपबिल्डिंग फाइनेंशियल असिस्टेंस स्कीम (SBFAS) को 2036 तक बढ़ाया जाएगा।
25,000 करोड़ रुपये का मैरिटाइम डेवलपमेंट फंड (MDF) बनाया जाएगा।
शिपब्रेकिंग इंडस्ट्री के लिए 4,001 करोड़ रुपये का प्रावधान।
सभी योजनाओं की निगरानी के लिए एक राष्ट्रीय जहाज निर्माण मिशन की स्थापना।
सूचना व प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि यह रिफॉर्म पैकेज भारत को शिपबिल्डिंग सेक्टर में आत्मनिर्भर बनाएगा और रोजगार व निवेश के नए अवसर खोलेगा।
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