उत्तर प्रदेश सरकार ने ओबीसी समुदाय के लिए एक दूरगामी और मजबूत योजना पेश की है, जो 2047 के विज़न को ध्यान में रखते हुए तैयार की गई है। इस योजना का फोकस शिक्षा, रोज़गार और सामाजिक सुरक्षा जैसे अहम क्षेत्रों पर है। सरकार का उद्देश्य ना सिर्फ ओबीसी युवाओं और परिवारों को सशक्त बनाना है, बल्कि राज्य को $6 ट्रिलियन की इकोनॉमी बनाना भी है, जिससे भारत के समग्र विकास में यूपी की भूमिका और मजबूत हो सके।
राज्य के पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग ने खासतौर पर ओबीसी समुदाय को टारगेट करते हुए कई योजनाएं लॉन्च की हैं। ये वही समुदाय है जो यूपी की आबादी का 52% से भी ज्यादा हिस्सा है और इसी वजह से इस नीति के केंद्र में है। सिर्फ 2024-25 के साल की बात करें तो 32.22 लाख ओबीसी स्टूडेंट्स को स्कॉलरशिप और फीस रिइम्बर्समेंट का डायरेक्ट फायदा मिला है। पिछले आठ सालों में 2.07 करोड़ छात्रों को कुल 13,535.33 करोड़ रुपये की सहायता दी गई है, जो पिछली सरकार के द्वारा खर्च किए गए 4,197 करोड़ रुपये से करीब चार गुना ज्यादा है।
सरकार ने यह भी क्लियर कर दिया है कि आने वाले समय में यह सपोर्ट और बड़े स्तर पर दिया जाएगा। 2047 तक का टारगेट रखा गया है कि स्कॉलरशिप और फीस रिइम्बर्समेंट के जरिए 7 करोड़ छात्रों तक पहुंच बनाई जाएगी और इसके लिए ₹80,000 करोड़ का निवेश प्लान किया गया है। इसका सीधा असर एजुकेशन एक्सेस और इक्विटी दोनों पर दिखेगा।
इस योजना का एक और इंस्पायरिंग हिस्सा है—ओबीसी बेटियों के लिए शादी अनुदान योजना का विस्तार। पिछले आठ सालों में 6.1 लाख बेटियों को ₹1,221 करोड़ की आर्थिक मदद मिली है। सरकार अब इस राशि को ₹20,000 से बढ़ाकर ₹60,000 करने पर विचार कर रही है। इस फैसले के चलते अनुमान है कि 2047 तक करीब 24 लाख बेटियों को कुल ₹14,400 करोड़ की मदद मिलेगी, जो उनके सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण के लिहाज से बड़ा स्टेप होगा।
रोज़गार के क्षेत्र में भी सरकार की प्लानिंग क्लियर और फोकस्ड है। ‘ओबीसी कंप्यूटर प्रशिक्षण योजना’ के तहत अब तक लगभग 1.4 लाख युवाओं को CCC और O-लेवल सर्टिफिकेट मिल चुके हैं, जिससे उन्हें सरकारी और प्राइवेट सेक्टर्स में नौकरी पाने में मदद मिली है। अब सरकार का अगला टारगेट है कि 2047 तक 3,850 करोड़ रुपये के निवेश से 11 लाख युवाओं को ट्रेनिंग दी जाए, जिससे वो इंडस्ट्री-रेडी बन सकें।
ओबीसी छात्रों के लिए हॉस्टल फैसिलिटी का एक्सपेंशन भी इसी मास्टर प्लान का हिस्सा है। मौजूदा हॉस्टलों के रख-रखाव के साथ-साथ हर जिले में नए हॉस्टल बनाए जाएंगे ताकि खासकर ग्रामीण इलाकों के स्टूडेंट्स को मुफ्त और सुविधाजनक आवास मिल सके। इससे हाईयर एजुकेशन तक उनकी पहुंच और मजबूत होगी।
राज्य के पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांग सशक्तिकरण मंत्री नरेंद्र कश्यप ने साफ तौर पर कहा है कि यदि देश को समावेशी विकास की दिशा में आगे बढ़ाना है, तो ओबीसी समुदाय की सक्रिय भागीदारी बेहद ज़रूरी है। सरकार की यह नई पहल उसी विज़न की दिशा में उठाया गया एक ठोस कदम है, जो समाज के एक बड़े हिस्से को न सिर्फ बराबरी का हक देगा, बल्कि उन्हें तरक्की की नई राहों पर भी ले जाएगा।
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