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यूपी में टीईटी आवेदन शुल्क पर बवाल: तीन गुना तक बढ़ोतरी का प्रस्ताव

यूपी में टीईटी आवेदन शुल्क पर बवाल: तीन गुना तक बढ़ोतरी का प्रस्ताव

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में शिक्षक पात्रता परीक्षा (UPTET) को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है। नवगठित शिक्षा सेवा चयन आयोग ने आवेदन शुल्क में भारी बढ़ोतरी का प्रस्ताव शासन को भेजा है। यदि यह प्रस्ताव स्वीकृत हो जाता है तो अभ्यर्थियों को अब प्रति पेपर ₹1700 देना होगा, जबकि पहले यह शुल्क केवल ₹600 था। इस तरह दोनों स्तर (प्राथमिक और उच्च प्राथमिक) पर परीक्षा देने वालों को अब ₹3400 तक चुकाने पड़ सकते हैं।

बेरोजगार युवाओं पर बोझ

इस निर्णय ने लाखों अभ्यर्थियों को हताश कर दिया है। छात्र संगठनों और बेरोजगार युवाओं ने इसे अन्यायपूर्ण आर्थिक बोझ करार दिया है। उनका कहना है कि पहले से ही वर्षों से भर्ती प्रक्रिया अटकी पड़ी है। अंतिम बड़ी भर्ती 2018 में हुई थी, जिसके बाद से अभ्यर्थी लगातार इंतज़ार कर रहे हैं। ऐसे में, शुल्क बढ़ोतरी युवाओं के सपनों पर एक और चोट की तरह है।

एक अभ्यर्थी ने सवाल उठाया—“हम बेरोज़गार हैं, हमें अपनी योग्यता साबित करने के लिए तीन गुना फीस क्यों देनी चाहिए?” सोशल मीडिया और कोचिंग संस्थानों में यह मुद्दा तेजी से चर्चा का विषय बना हुआ है। कई लोग सरकार पर युवाओं की बेरोज़गारी के प्रति उदासीन रवैये का आरोप लगा रहे हैं। उनका मानना है कि शिक्षण पेशे में अवसरों को बढ़ाने के बजाय सरकारी नीतियाँ अभ्यर्थियों के लिए नौकरी पाने का रास्ता और कठिन बना रही हैं।

यूपी शिक्षा सेवा चयन आयोग का तर्क

शिक्षा सेवा चयन आयोग का कहना है कि टीईटी परीक्षा कराने के लिए चार एजेंसियाँ नियुक्त की जाएंगी।

  1. पहली एजेंसी प्रश्नपत्र तैयार कर उसे छपवाएगी और जिलों तक पहुँचाएगी।
  2. दूसरी एजेंसी प्रश्नपत्र को कोषागार से परीक्षा केंद्र तक और ओएमआर शीट को आयोग तक पहुँचाएगी।
  3. तीसरी एजेंसी परीक्षा केंद्रों की सुरक्षा व्यवस्था देखेगी।
  4. चौथी एजेंसी आयोग परिसर में ही ओएमआर शीट स्कैन करेगी।

आयोग का कहना है कि इस पूरी प्रक्रिया में खर्चा अधिक होगा , इसलिए आवेदन शुल्क वृद्धि अनिवार्य है।

सुप्रीम कोर्ट का फैसला और शिक्षक संगठनों का विरोध

गौरतलब है कि इन दिनों सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले की भी चर्चा है, जिसमें शिक्षक भर्ती के लिए टीईटी अनिवार्य कर दिया गया है। इस फैसले के खिलाफ शिक्षक संगठनों ने प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से पुनर्विचार की मांग की थी। सरकार ने इस पर सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल करने का निर्णय भी लिया है। अब शुल्क बढ़ोतरी के प्रस्ताव ने विवाद को और गहरा कर दिया है।

यूपी टीईटी परीक्षा की तारीख

आयोग ने पहले ही घोषणा कर दी है कि यूपीटीईटी परीक्षा 29 और 30 जनवरी 2026 को आयोजित की जाएगी। आवेदन शुल्क बढ़ोतरी पर शासन की स्वीकृति मिलते ही आवेदन प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।

विशेषज्ञों का मानना है कि यह केवल आर्थिक मुद्दा नहीं, बल्कि एक नीति संबंधी असमानता को भी उजागर करता है। यदि शुल्क वृद्धि लागू होती है तो यह हजारों महत्वाकांक्षी युवाओं के लिए शिक्षक बनने के सपने को और दूर कर सकती है। कई लोगों का कहना है कि यह नीति एक पूरी पीढ़ी के अभ्यर्थियों को हाशिए पर धकेल सकती है।

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